बीकानेर।राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी चिकित्सकों के हड़ताल के बाद अब एनएसयूआई कार्यकर्ता बिल के समर्थन में सड़कों पर उतर गए हैं। बीकानेर में आज एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं राजकीय डूंगर महाविद्यालय से पैदल चलकर सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के सामने धरने पर बैठे निजी चिकित्सकों को गुलाब के फूल देकर उन्हें चिकित्सकों को हठधर्मिता छोड़कर काम पर वापस काम पर लौटने का कहा एन एस यू आइ के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकना ने बताया कि स्वास्थ्य का अधिकार जनता के लिए बेहद जरूरी है। डॉक्टर बिल के विरोध में जनता को भ्रमित कर रहे हैं।जबकि इस कानून से हर व्यक्ति को उपचार का अधिकार मिलेगा। सरकार का यह कदम आम जन के पक्ष में है। आरटीएच बिल के तहत किसी भी आपात स्थिति में अस्पताल की ओर से मरीज का निशुल्क उपचार किया जाएगा, उपचार पर होने वाले खर्च का वहन सरकार करेगी। हम चिकित्सकों से अपील करते हैं कि वे हठधर्मिता छोड़कर वापस काम पर लौटे। इस दौरान दोनों ओर से जमकर नारेबाजी की गई जिससे एक बार माहोल तनावपूर्ण हो गया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों प्रशासन के अधिकारियों को दोनों गुटों को अलग करना पड़ा। निजी चिकित्सक एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ विकास पारीक ने बताया कि सरकार के अड़ियल रुख से मरीज परेशान हो रहे हैं। सरकार को आरटीएच बिल लागू करने से पहले चिकित्सकों से सलाह मशविरा करना चाहिए कोरी वाहवाही लूटने के लिए सरकार जल्दबाजी में बिल लेकर आई है। बीकानेर निजी अस्पतालों के चिकित्सक सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज मेडिकल कॉलेज के सामने पिछले कई दिनों से तंबू लगाकार बैठे हैं। डॉक्टरों ने कल रैली निकाली और राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग की। राइट टू हेल्थ बिल वापस लेने की मांग को लेकर कई सप्ताह से चिकित्सक हड़ताल पर हैं। वहीं, सरकार भी बिल वापस लेने के मूड़ में नहीं है।