राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ(राष्ट्रीय) ने राजकीय महाविद्यालय, नागौर के शिक्षकों पर छात्रसंघ अध्यक्ष एवं उसके साथियों द्वारा जानलेवा हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अविलम्ब कानूनी कार्रवाही की मांग की है |रुक्टा ( राष्ट्रीय) के महामंत्री डॉ सुशील कुमार बिस्सू ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 21 सितंबर 2022 को बी. आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय, नागौर के शिक्षक साथी जगदीश झींझा एवं अविनाश व्यास पर महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष वासुदेव बांता एवं उसके साथियों द्वारा जानलेवा हमला किया गया।घटना के समय श्री बी. आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय नागौर में स्नातक एवं बी.एड. कक्षाओं की विश्वविद्यालय परीक्षा चल रही थी,जिसमें विद्यार्थियों को नकल करने से रोकने पर महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष वासुदेव बांता द्वारा महाविद्यालय परिसर में शिक्षक साथियों को धमकी दी गई। परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को परीक्षा नियंत्रण कक्ष में जमा कर पैक करते समय पुनः इन्हीं विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ का प्रयास किया एवं पैकिंग का वीडियो बनाकर परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने का प्रयास करते हुए राजकार्य में बाधा पहुँचाई।महाविद्यालय प्राचार्य एवं शिक्षकों ने जब उक्त कृत्य का विरोध किया तो वे शिक्षक साथियों को धमकी देकर चले गए। तत्पश्चात् महाविद्यालय के सहायक आचार्य जगदीश झींझा एवं अविनाश व्यास महाविद्यालय ड्यूटी को पूर्ण कर अपने घर जा रहे थे, तो रास्ते में वासुदेव बांता और उसके साथियों ने उनकी कार को रोककर उन्हें नीचे उतारने की कोशिश की। इन विद्यार्थियों के अनुचित एवं संदेहजनक व्यवहार को देखकर शिक्षक साथी कार से नीचे नहीं उतरे, तो इन्होंने उनकी कार को कई बार टक्कर मारकर उन्हें क्षति पहुँचाने की कोशिश की। डॉ बिस्सू ने इस घटना क्रम पर प्रशासनिक उदासीनता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि परीक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण और गोपनीय कर्त्तव्य को निष्ठा पूर्वक पूर्ण करते हुए शिक्षक साथियों पर जानलेवा हमले की घटना को 6 दिन बीतने पर भी अभी तक हमलावरों की गिरफ़्तारी नहीं हुई है इससे राज्य के समस्त महाविद्यालय शिक्षकों में गहरा रोष, क्षोभ एवं असन्तोष व्याप्त है। संगठन के अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा के मन्दिर में विद्यार्थियों द्वारा इस तरह की घटनाओं का संगठन सदैव से ही विरोध करता रहा है। उच्च शिक्षा संस्थानों में निर्दोष शिक्षकों के साथ अभद्रता और हिंसा की यह एकाकी घटना नहीं है। अक्सर इस तरह की घटनाओं के समाचार प्रदेशभर में अलग-अलग स्थानों से आते रहते हैं और पीड़ित द्वारा शिकायत के बाद भी दोषियों पर समुचित कार्रवाही न होने से उनके हौसले तो बढ़ते ही हैं साथ ही शिक्षकों का मनोबल भी टूटता है । अपेक्षा है कि इस घटना में त्वरित माकूल कार्रवाही के माध्यम से प्रदेशभर के अपराधी तत्त्वों को कठोर सन्देश दिया जाए जिससे शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।संगठन की दृढ़तापूर्वक मांग है कि इस प्रकरण में तुरन्त संज्ञान लेकर इस दुष्कृत्य में आरोपित वासुदेव बांता एवं उसके साथियों को अविलम्ब गिरफ्तार कर उन्हें यथाशीघ्र कठोर से कठोर सजा दिलवाएँ।