बीकानेर । शहर आज अपना 537 वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस दिन शहर वासी पतंगबाजी का जमकर लुत्फ उठाते है। कुछ शहर वासी इस दौरान *मौत के मांझे* का इस्तेमाल भी करते हैं।इस मौत के मांझे की चपेट में आकर इंसान,पक्षी भी आते हैं । चाइनीज मांझे की बिक्री रोक पाने में नाकाम पुलिस और जिला प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा आज लोगों को भुगतना पड़ रहा है। एक युवक इस इंसानी खून पीने वाली ड्रैगन मांझे का शिकार बना। जूनागढ़ से गुजर रहे एक मोटर साइकिल सवार युवक का गला कट गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरियो के मोहल्ला निवासी 30 वर्षीय युवक लीलाधर मेघवाल बाइक से जूनागढ़ की ओर जा रहा था। कचहरी के पास पहुंचने पर बिजली के दो खंभों पर फंसे चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। फिलहाल लीलाधर का इलाज पीबीएम अस्पताल में चल रहा है। उसके गले में करीब 18 से अधिक टांके लगे हैं।
चाइनीज मांझै की चपेट में आते ही लीलाधर ने मोटर साइकिल राेककर हेलमेट उतारा तो उसकी गर्दन से खून बह रहा था। आसपास मौजूद लोगों ने उसे पीबीएम अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने लीलाधर की गंभीर हालत को देखते हुए उसका ऑपरेशन शुरू किया। चिकित्सकों ने बताया कि लीलाधर को लाने में अगर 15 मिनट की देरी हो जाती जो उसका बचना मुश्किल था, क्योंकि उसके शरीर से काफी खून बह चुका था और ज्यादा खून बहने से वह बेहोश हो गया । आपरेशन के दौरान उसे दो यूनिट खून भी चढ़ाया गया। फिलहाल लीलाधर की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।