बीकानेर।पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे बीकानेर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। राजे ने देव दर्शन यात्रा के जरिए खुद का शक्ति प्रदर्शन भी दर्शाया है। वही सबसे बड़ी बात पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर भी अटकलों को विराम लग गया है दर्शन भाटी ने खुद ने ही संकेत दिया था कि वह राज्य की मौजूदगी में फिर से बीजेपी ज्वाइन करना चाहेंगे लेकिन फिर से बीजेपी ज्वाइन कराने की प्रक्रियाओं के चलते आज भाटी इस मामले पर चुप्पी साधे रहे। लेकिन न्यूज़ एटिन से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह दिल से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं उनकी विचारधारा कांग्रेस के खिलाफ है। अब निर्णय फिर से पार्टी ज्वाइन कराने को लेकर आलाकमान को करना है। वहीं दौरे के शुरुआत में देशनोक और मुकाम धाम पहुंची राजे का हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया। बीकानेर शहर पहुंचने के बाद जूनागढ़ फोर्ट के सामने जनसभा को भी राजे ने संबोधित किया। सभा स्थल पर हजारों की भीड़ देख वसुंधरा राजे काफी खुश हुई। इस दौरान पूर्व सीएम ने गहलोत सरकार पर जनता से विश्वासघात करने का आरोप भी जड़ा। वसुंधरा ने कहा कि बीजेपी के राज में बीकानेर में काफी विकास के कार्य हुए थे लेकिन आज बीकानेर शहर की सड़कें पर सिर्फ गड्ढे ही दिखाई देते हैं। वही सूरसागर की दशा जो बीजेपी सरकार ने सुधारी थी आज उसी की सूरत बिगाड़ कर रख दी गई है । राजे ने कहा कि एक से 10 तक की गिनती में किसानों के कर्ज माफी का झूठा वादा कर कांग्रेस ने सरकार बना ली लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार में सीएम की कुर्सी को लेकर मचे घमासान पर भी पूर्व सीएम ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक कुर्सी से चिपके रहना चाहता है तो वहीं दूसरा कुर्सी पाने की कोशिशों में लगा हुआ रहता है। राजे ने कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूल गहलोत सरकार ने खोल तो दिए लेकिन आज उन स्कूलों में अंग्रेजी के अध्यापक ही नहीं है। राजे ने बीकानेर में गहलोत सरकार पर जमकर हमले बोले वही बीजेपी के अंदरखाने चली आ रही गुटबाजी भी सामने नजर आई। जूनागढ़ फोर्ट पर राजे गुट के नेता मौजूद रहे। लेकिन जिला बीजेपी संगठन की ओर से कोई पदाधिकारी नजर नहीं आया। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से बाहर ही मौजूद रहे। जिसके चलते बीकानेर में राजे का दौरा काफी चर्चा का विषय बना हुआ है तो दूसरी और राजनीति के जानकार इसको राजे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देख रहे हैं।