बीकानेर। देश में जहां कई जगहों पर छोटी-छोटी बातों को लेकर हिंदू मुस्लिम के बीच जहर घोलने की कोशिश की जाती है, वहीं इससे इतर बीकानेर में गंगा जमुनी तहजीब का अनूठा उदाहरण देखने को मिला है। जहां एक मुस्लिम सरकारी कर्मचारी दशहरे पर केसरिया चोला ओढ़कर बजरंग बली के किरदार को जीवंत करता है।गले में लटकता हुआ ताबीज जय श्री राम के गगन भेजी नारे लगाता यह शख्स सुबह 11 बजे से ही अपना चेहरा और शरीर सिन्दूर से केसरिया रंग रहा है।जिला कलक्टर आफिस के कर्मचारी मोहम्मद सलीम पिछले 17सालो से दशहरे पर करणी सिंह स्टेडियम में होने वाली झांकी में हनुमान का किरदार निभाते हैं।
बकौल सलीम उन्हें हर साल दशहरे का बेसब्री से इंतजार रहता है। जनवरी में जब घर में कलेंडर आता है तो सबसे पहले देखता हूं कि दशहरा कब का हैं। मुसलमान होते हुए भी हिन्दू धर्म की झांकी में हनुमान का किरदार करने पर सलीम भाटी कहते हैं कि मेरे लिए मेरा देश पहले हैं। मैं दशहरा खूब एंजॉय करता हूं। हिन्दू और मुसलमान नहीं करता। दशहरा अधर्म पर धर्म की जीत का त्यौहार है। मोहम्मद सलीम हनुमान की भूमिका निभाने के लिए वो अपने पूरे शहरी पर भगवा रंग का लेप करते हैं, सिर पर विशेष तरह के बाल लगाते हैं और भगवान हनुमान की तय पोशाक पहनते हैं। सलीम पिछले सत्रह साल से हनुमान की भूमिका ही नजर आते हैं। वो कहते हैं कि दशहरा कमेटी ही मुझे हनुमान के रूप में चयनित करती हैं और मैं इस किरदार में खुद डूब जाता हूं। सलीम ने बताया कि इस बार उसके पैर में भयंकर दर्द है वो आसानी से चल नहीं पा रहे हैं लेकिन इस बार भी बजरंग बली का किरदार छोड़ने को तैयार नहीं हैं। डॉक्टर ने उन्हें सर्जरी का बोला हुआ है पैर में चोट, बजरंग बली देंगे शक्ति इस बार सलीम के पैर में गंभीर चोट है।सलीम का कहना है कि बजरंग बली ही मुझे शक्ति देंगे और मैं अपना किरदार शानदार तरीके से निभाऊंगा। सलीम के घुटने में ज्यादा दर्द है लेकिन बजरंग बली का किरदार निभाने का अवसर नहीं छोड़ना चाहता।बहरहाल जहां दुनिया में धर्म के नाम पर नफरत का आलम पसरा हुआ है वहां बीकानेर में हिंदू -मुस्लिम एकता की यह तस्वीरें दिल को सुकून देने वाली है।