बीकानेर। खुली जेल में सजा भुगत रहे कुछ बंदी सरेआम वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इतना ही नहीं इनमें से कुछ शातिर बंदी ऐसे हैं जो किराए पर कमरा लेकर अय्यासी और अवैध गतिविधियां कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन सब से जेल पुलिस व जिला प्रशासन बेखबर दिखाई दे रहा है।
शनिवार रात को सुभाषपुरा में भी एक गंभीर वारदात हुई जिसके बाद ये उजागर हुआ कि खुली जेल में सजा भुगतने वाले सरेआम वारदात को अंजाम दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार शनिवार रात को करीब साढ़े नौ बजे दो युवक नशे में धुत एक बाइक पर सवार होकर सुभाषपुरा मुख्य सडक़ पर आए और वहां अन्य लोगों से बेवजह ही गाली-गलौच और मारपीट करने लगे। जब राहगीरों ने गाली-गलौच करने का मना किया तो दोनों युवक झगड़ा करने लगे। शोर सुनकर मोहल्ले के लोग भी एकत्र हो गए। भीड़ बढ़ती देख कर एक युवक जो अपना नाम सिकन्दर बता रहा था, वह मौके पर से फरार हो गया। जबकि उसका दूसरा साथी राजाराम नाम के युवक को लोगों ने पकड़ लिया और सदर थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को उसने बताया कि वह और उसका साथी सिकन्दर खुली जेल में सजा भुगत रहे हैं। सिकंदर ने कमरा किराये पर लिया हुआ है। सिकन्दर ही उसे अपने कमरे पर लाया था। राजाराम नाम के युवक ने पुलिसकर्मियों को बताया कि सिकन्दर अजमेर का रहने वाला है और वह हत्या के जुर्म में खुली जेल में सजायाफ्ता है। सिकन्दर ने यहां लाल क्वार्टर के पास एक कमरा किराए पर ले रखा है, जहां वह रोजाना आता है और शराब आदि की नशाखोरी करता है।
जानकारी यह भी मिली है कि आरोपी सिकन्दर और राजाराम खुली जेल में हाजिरी के दौरान तो मौजूद रहते लेकिन हाजिरी होने के बाद वहां से निकल जाते थे। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा होता है कि खुली जेल में सजा भुगत रहे बंदी कहां-कहां जाकर अपराध कर रहे हैं और जेल प्रशासन को इसी जानकारी तक क्यों नहीं हैं। लोगों का तो यह तक कहना है कि मिलीभगती के चलते ही इस तरह से बंदी अपनी सजा के दौरान जेल से बाहर आकर वारदातें करते हैं और वापिस अपनी जेल में पहुंच जाते हैं।
फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी राजाराम को शांतिभंग के आरोप गिरफ्तार किया है। जानकारी मिली है कि अभी तक जेल प्रशासन की ओर से इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। वहीं पुलिस प्रशासन मोहल्ले वालों की तरफ से रिपोर्ट देने का इंतजार कर रहे हैं।