Share on WhatsApp

बीकानेर । व्यास जाति की निकली गेर चोखा-चोखा चावळ लस-लस टीको गेवरियों रै काढ़ो लस-लस टीको…

बीकानेर शहर की होली अब अपने पूरे परवान पर है। होली के मौके पर एक जाति विशेष की महिला से चंदा लेने की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा आज निभाई गई। ललाट पर लंबा तिलक सिर पर साफा, शरीर पर रंग-बिरंगी पगड़ी पहने लोग लोकगीत गाते हुए चंदा लेने के लिए रवाना हुआ।ये परंपरा सैकड़ों सालों से निभाई जा रही है। दोपहर दो बजे लालाणी व्यासों के चौक से ‘चोखा-चोखा चावळ लस-लस टीको गेवर गेवरियों रै काढ़ो लस-लस टीको’ के गीत गाते चंदा लेने के लिए रवाना हुई। रास्ते में कीकाणी व्यासों के चौक में खड़े लोग भी शामिल हो गए। गेर में परंपरा अनुसार झूठा पोता परिवार के लोग भी शामिल हुए। व्यासों का चौक, ओझाओं का चौक, बिन्नाणी चौक, सरार्फा बाजार होते ही गेर वापस लालाणी व्यासों के चौक पहुंचकर संपन्न हुई। जगह-जगह गेर का स्वागत किया गया।लालाणी कीकाणी व्यास जाति की गेर ने शहर की होली को परवान चढ़ा दिया। लालाणी व्यास जाति की ओर से मनमोहन व्यास, जयनारायण व्यास, बल्लभ सरदार, मक्खनलाल व्यास, मदन गोपाल व्यास, कीकाणी व्यासों ओर से नारायणदास व्यास, बृजेश्वर लाल व्यास, हरिनारायण व्यास, गोपाल व्यास, आदि ने अपनी भागीदारी निभाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *