
बीकानेर। हर सुबह सूरज से पहले उठता था, खेत में दिनभर मेहनत करता था… सोचा था इस बार गेहूं की फसल अच्छी होगी, बच्चों की फीस भर दूंगा, घर की मरम्मत करवा दूंगा… पर अब सब राख हो गया।
बीकानेर जिले के खाजूवाला क्षेत्र के चक 3KLD का रहने वाला किसान लालचंद जाखड़ आज टूट चुका है। उसकी 5 बीघा गेहूं की खड़ी फसल विद्युत शॉर्ट सर्किट से लगी आग में जलकर राख हो गई। महीनों की मेहनत, हज़ारों रुपये की लागत और उम्मीदों से भरी आंखें… सब कुछ आग की लपटों में जल गया।घटना उस समय की है जब खेत में अचानक आग की लपटें उठीं। पास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने आवाज़ें लगाईं और लोग दौड़े आए। बाल्टी, पाइप, जो हाथ लगा उससे आग बुझाने में जुट गए। लेकिन तेज़ हवाओं और सूखी फसल की वजह से आग ने पल भर में खेत को निगल लिया। जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक लालचंद की सारी फसल जल चुकी थी।लालचंद ने बताया कि बीज, खाद, मजदूरी सब उधार लिया था। फसल कटने के बाद ही पैसा लौटाना था। अब ना फसल है, ना पैसा। मैं सरकार से यही मांग करता हूं कि मेरी मदद करे, वरना बच्चों की पढ़ाई और घर का गुज़ारा मुश्किल हो जाएगा। यह केवल लालचंद की कहानी नहीं है। हर साल गर्मी के मौसम में ऐसे हादसे कई किसानों को तबाह कर देते हैं। शॉर्ट सर्किट, सूखे खेत और तेज़ हवाएं — ये मिलकर उन खेतों को निगल जाते हैं जिन्हें किसान अपने खून-पसीने से सींचते हैं।अब लालचंद को सरकार से मुआवजे की उम्मीद है। पंचायत स्तर से लेकर तहसील और जिला प्रशासन तक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। अगर जल्द सहायता नहीं मिली, तो लालचंद जैसे कई किसानों की स्थिति बद से बदतर हो सकती है।