बीकानेर । जिले के नए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. पुखराज साध ने पदभार संभालते ही ऐसा बयान दे दिया, जो अब चटखारे लेकर सुना और चर्चा में बना हुआ है। आमतौर पर प्रशासनिक अधिकारी अपने चयन को नियमों और योग्यता की कसौटी पर आधारित बताते हैं, लेकिन डॉ. साध ने इस परंपरा, राजनीतिक विचारधारा से जोड़ते हुए उन्होंने अपनी नियुक्ति को परमपिता परमेश्वर, मां भारती, केंद्रीय कानून मंत्री, जिले के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और जिलाध्यक्षों की मेहरबानी से जोड़ दिया।नवनियुक्त सीएमएचओ के इस बयान को राजनीतिक दबाव में दिया गया बयान बताया जा रहा है। सीएमएचओ के इस बयान को लेकर विरोधायो ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अधिकारी बनने के लिए परमात्मा और नेताओं की कृपा जरूरी हो गई है? क्या मेहनत और काबिलियत को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही?कुछ लोग इसे मजाकिया बयान मान रहे हैं, तो कुछ इसे सीधे-सीधे चापलूसी की श्रेणी में डाल रहे हैं। हालांकि, डॉ. साध ने कहीं कोई झूठ नहीं बोला, लेकिन उनका अतिउत्साह में दिया गया बयान उनके पद की गरिमा पर सवाल जरूर खड़े करता दीख पड रहा है।