बीकानेर। जिला कलेक्ट्रेट पर पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए चल रहा आंदोलन 47वें दिन भी जारी है। इस अनूठे प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों ने मुँह पर ताला लगाकर अपनी आवाज़ बुलंद की है, जिससे उनके संकल्प और इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया जा सके।धरना स्थल पर जुटे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी पेड़ों को लगातार काटे जाने से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और इसे रोकने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे वन्य जीव प्रेमी मोखराम धारणियां ने बताया, “खेजड़ी न केवल हमारी जैव विविधता का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है, और जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, हमारा आंदोलन जारी रहेगाहम जीव प्रेमी आगामी 21 को राजस्थान के सभी वन्य जीव प्रेमी जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे
मुँह पर ताला लगाने वाले प्रदर्शनकारियों का संदेश था कि सरकार की चुप्पी और उदासीनता को हम प्रतीकात्मक रूप से दर्शा रहे हैं। इस अनूठे प्रदर्शन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।इस दौरान आमरण अनशन पर बैठी अल्का विश्नोई ने बताया कि ने कहा कि सोलर कंपनियां सैकड़ों की संख्या में खेजड़ी के पेड़ काट रही है। जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड रहा है। खेजड़ी के लिए हमारे पुरखों ने सर तक कटवा दिए ऐसे में हमारी मांग है कि सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी वृक्षों की कटाई पर तत्काल रोक लगाई जाए अन्यथा हमारे पुरखों की तरह खेजड़ी को बचाने के लिए हम अपने प्राणों की आहूति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। खेजड़ी बचाने के लिए आंदोलनरत लोगों का कहना है कि जब तक खेजड़ी के संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बाइट मोखराम धारणियां।
बाइट अल्का विश्नोई।