बीकानेर । विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित पाबूपाठशाला को आर्य समाज स्कूल में मर्ज करने के फैसले ने 61 दिव्यांग छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है। इस फैसले से चिंतित अभिभावक सोमवार को अपने बच्चों को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे, जहां उन्होंने स्कूल को यथावत रखने की मांग की। लेकिन अधिकारियों के अनुपस्थित रहने के कारण वे निराश लौटने को मजबूर हो गए।अभिभावकों का कहना है कि दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सुविधाओं और अनुकूल वातावरण से युक्त इस स्कूल का विलय उनके बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। इनमें से कई बच्चे ऐसी विशेष आवश्यकताओं वाले हैं, जिन्हें सामान्य स्कूलों में पढ़ाई करने में कठिनाई होगी।अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए और पाबूपाठशाला को उसकी वर्तमान स्थिति में बनाए रखा जाए। उनका कहना है कि यदि यह फैसला जल्द नहीं बदला गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। शिक्षा विभाग ने आदेश से पहले स्कूल की जमीनी हकीकत भी नहीं देखी जिस जगह स्कूल का एकीकरण किया है वहां रेंप भी नहीं है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस गंभीर मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है और क्या दिव्यांग बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा या नहीं।