बीकानेर: राजस्थान के विधानसभा चुनावों में लगभग एक वर्ष बाकी है।बीकानेर में चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों पार्टियों में गुटबाजी चरम पर है। ऐसा ही कुछ नजारा बीकानेर कलेक्टर ऑफिस में देखने को मिला जहां पूर्व मंत्री और बीकानेर के कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी गौचर भूमि में हुए अतिक्रमण को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे थे लेकिन जिला कलेक्टर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की जिला विकास एवं निगरानी समिति की बैठक में थे। जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी सीधे कलेक्ट्रेट सभागार में पहुंच गए उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम को पहले तो राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर घेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर राज्य के 6करोड नागरिक संघर्ष कर रहे हैं। भाटी यहीं नहीं रुके उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत किसानों पानी के मुद्दे को लेकर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम की भूमिका पर सवाल उठाए हुए कहा कि पोंग डैम में इस बार पानी अपने भराव क्षमता के रिकार्ड स्तर पर है फिर भी किसान सिंचाई पानी के लिए तरस रहा है। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि देवी सिंह भाटी नहरों की समस्या को लेकर अर्जुन मेघवाल से बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे हैं।बता दें कि दोनों नेताओं में एक दूसरे के खिलाफ आदावत जग जाहिर है।मालूम हो कि देवी सिंह भाटी बीकानेर में दिग्गज बीजेपी नेता रहे हैं और वह 1980 से लगातार 7 बार विधायक रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से वसुंधरा राजे के विश्वास पात्र और करीबी होने के बावजूद केंद्रीय नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठाने के चलते वह हाशिये पर चले गए थे। देवी सिंह भाटी ने अर्जुनराम मेघवाल को दोनों बार बीकानेर से लोकसभा सांसद का टिकट मिलने पर विरोध किया था। वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में अर्जुनराम मेघवाल को दोबारा टिकट मिलने पर भाटी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था।गौरतलब है कि बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 9 और 10 अक्टूबर को बीकानेर दौरा किया था जहां बीकानेर के कोलायत से पूर्व मंत्री और विधायक देवी सिंह भाटी पूरी तरह सक्रिय होकर सम्भाला था और पूरी तरह एक्टिव रहे। इस दौरान पार्टी संगठन,अर्जुनराम मेघवाल गुट ने इस दौरे से दूरियां बनाकर रखी थी।