
बीकानेर। आमतौर पर श्मशान घाट में सन्नाटा, चीखें और गमगीन माहौल देखने को मिलता है, लेकिन बीकानेर के गवरा दादी श्मशान गृह में 5 मार्च 2025 को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। यहां चंग धमाल और भजनों की स्वरलहरियों के बीच गुलाल उड़ाकर एक श्रद्धेय व्यक्तित्व को विदाई दी गई।
दरअसल, माहेश्वरी समाज के कर्मठ कार्यकर्ता और सर्राफा व्यवसायी राजकुमार सोनी का अलसुबह करीब सवा तीन बजे निधन हो गया था। वे फागोत्सव और भजनों के बड़े रसिया थे। उनके निधन से पूरा समाज शोक में डूब गया, लेकिन उनके चाहने वालों ने उन्हें उस अंदाज में विदाई दी, जैसा वे जीवनभर पसंद करते थे। उनकी अंतिम यात्रा सोनी-सिंगी चौक से नत्थूसर गेट के बाहर स्थित गवरा दादी श्मशान गृह तक पहुंची।
भावुक दृश्य तब बना, जब एक ओर राजकुमार सोनी का दाह संस्कार किया जा रहा था और दूसरी ओर सोनी सिंगी मोहल्ले के युवा चंग पर भजनों की प्रस्तुति दे रहे थे। गुलाल उड़ाकर, ढोल-चंग बजाकर उन्हें विदाई दी गई। युवाओं का कहना था कि राजकुमार सोनी होली के रसिया थे, इसलिए उन्हें भजनों के साथ विदाई देना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
होली और भजनों से था गहरा नाता
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल झूमर सोनी ने बताया कि राजकुमार सोनी पिछले 15 वर्षों से तेलीवाड़ा सराफा बाजार की ओर से श्रीलक्ष्मीनाथजी होली धमाल संग्रह में भजन लिखते आ रहे थे। इस संग्रह में होली धमाल भजनों के साथ गणगौर के गीत भी शामिल होते थे, जो उन्होंने रचे थे। खास बात यह थी कि वे होलाष्टक लगते ही रोज लक्ष्मीनाथजी मंदिर में दो घंटे तक भजनों की प्रस्तुति देते थे।
जिंदादिल व्यक्तित्व, अंतिम सांस तक जीवंतता बनाए रखी
राजकुमार सोनी पिछले काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे और पीबीएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। बावजूद इसके वे हमेशा हंसमुख और जिंदादिल बने रहे। उनके निधन से पूरा समाज शोकाकुल है, लेकिन जिस अंदाज में उन्हें विदाई दी गई, उसने सभी की आंखें नम कर दीं।
श्मशान में चंग पर भजन गाकर अंतिम विदाई देने का यह अनोखा दृश्य बीकानेर में पहली बार देखने को मिला। इस विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग भावुक हो रहे हैं और इसे आगे साझा कर रहे हैं।