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दीपावली कब है: शास्त्रीय मंथन के बाद सभी विद्वान एकमत, 1 नवंबर को ही दिवाली पर्व मनाना शास्त्र सम्मत

दीपावली कब है: शास्त्रीय मंथन के बाद सभी विद्वान एकमत, 1 नवंबर को ही दिवाली पर्व मनाना शास्त्र सम्मत

बीकानेर। दीपावली कब है इसको लेकर विवादों के बीच बीकानेर के पंडित, पंचांगकर्ता, ज्योतिषाचार्य और विद्वान मीडिया के सामने आए और उन्होंने शास्त्रीय प्रमाण रखते हुए आगामी एक नवम्बर को ही दीपावली पर्व मनाने की बात कही है। इस दौरान उन्होंने धर्मग्रंथों, ऋषि वचनों और संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से शास्त्रीय प्रमाण का हवाला देते हुए कहा कि क्षय तिथि में हिंदू त्योहार नहीं मनाया जाता। शहर के पंडितों और पंचांगकर्ताओं ने धर्म सिन्धु, तिथि निर्णय, पुरुषार्थ चिन्तामणि, निर्णय सिन्धु सहित अनेक धर्मग्रंथों और ज्योतिषीय ग्रंथों के शास्त्र सम्मत प्रमाण रखे। देश के अधिकतर पंचांगों में भी एक नवम्बर को दीपावली पर्व मनाने के मुहूर्त दिए गए हैं।

एक नवंबर को लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ

पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार, अनावश्यक रूप से इस बारे में विवाद उत्पन्न किया जा रहा है। शास्त्र वचन है कि प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ है। इस बार दोनों दिन अमावस्या तिथि है। शास्त्र सम्मत वचन है कि दूसरे दिन प्रदोषकाल के बाद एक घटी तक अमावस्या तिथि हो, तो दूसरे दिन दीपावली पर्व मनाया जाएगा। देश के 80 पंचांगों में एक नवंबर को दीपावली पर्व मनाने का मुहूर्त है। दिन प्रदोषकाल में अमावस्या है। इस दौरान पंडितों ने एक शताब्दी पुराने पंचांगों के प्रमाण मीडिया के समक्ष रखा।इस दौरान विद्वानों ने जयपुर,काशी के विद्वानों को चुनौती देते हुए 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाने को लेकर शास्त्र सम्मत प्रमाण देने की बात कही।इस दौरान पंडितों और विद्वानों ने राज्य सरकार से दीपावली पर्व मनाने के लिए एक नवंबर को अवकाश घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से दीपावली पर्व को लेकर 31 अक्टूबर को अवकाश घोषित किया गया है, यह शास्त्र सम्मत नहीं है। विद्वानों ने हिन्दू धर्म ग्रंथों को कोट करते हुए कहा कि शास्त्रों में वर्णित है उसके बावजूद भी इसे विवाद का विषय बनाना समझ से परे है।

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