बीकानेर। सरकार और विभागीय अनदेखी के चलते गरीबों को वितरित की जाने वाली करोड़ों रुपए की चीनी धूल फांकने को मजबूर। जी हां ये हालात सूबे के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के गृह जिले बीकानेर की है। जहां गरीबो में बंटने वाली चीनी गोदामों में सड रही है। बीकानेर , कोलायत, लूणकरणसर , नापासर, खाजूवाला, नोखा के गोदामों में पड़ी 613 कक्विंटल चीनी खराब हो चुकी है। सरकारी गोदामों में निस्तारण का इंतजार करती इस चीनी की कीमत 24.52 लाख रुपये है, वही प्रेदश के गोदामों में पड़ी इस चीनी की कीमत 5.56 करोड़ रुपये है दरअसल 2017 के बाद राजस्थान सरकार ने बीपीएल अंत्योदय स्टेट बीपीएल परिवार को प्रति सदस्य आधा किलो चीनी वितरित की जाती थी लेकिन वर्ष 2017 के बाद एक आदेश निकालकर यह चीनी केवल अंत्योदय परिवार को देने के आदेश जारी कर दिए थे ।आदेश के बाद कोविड की दो साल के बाद से सरकारी गोदाम में स्टॉक जमा होता चला गया । उचित रखरखाव और विभागीय अनदेखी के चलते गोदामों में पड़ी यह चीनी सड चुकी है। इसके बाद जिला क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के जिला रसद अधिकारी को बार बार इस चीनी के निस्तारण के लिए पत्र लिखने के बाद जिला रसद विभाग ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग को आदेश निकालकर इस चीनी की जांच करवाने के आदेश दिए। जिसके बाद चीनी कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद चीनी के सैंपल लेकर उसकी जांच करवाई तो वह सब स्टैंडर्ड निकली। यानी चीनी खाने योग्य नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच रिपोर्ट रसद विभाग को भेज दी है। आगे की कार्रवाई संबंधित विभाग द्वारा की जानी है।इस संबंध में जब हमने जिला रसद अधिकारी से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने इस मामले को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया। बहरहाल सरकारी गोदामों में पड़ी यह चीनी जो कि किसी गरीब की थाली में मिठास घोल सकती थी वह विभागीय लालफीताशाही की भेंट चढ़कर धूल खा रही है । साथ ही सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सरकारी कोष में भी करोड़ों रूपए की चपत भी लगा चुकी है।