बीकानेर । कहा जाता है कि दुनिया में नेत्रदान से बड़ा कोई दूसरा दान नहीं है। आंख बंद होने के बाद भी इन्हीं नेत्रों से न केवल एक नेत्रहीन को नेत्र मिलते हैं बल्कि वे आंखें दुनिया को देखती हैं। मुक्ता प्रसाद निवासी कमला देवी की आंखें मरने के बाद भी इस दुनिया देखेंगी। कमला देवी की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र शिव मोदी, परिजनों ने अपनी मां की आंखें दान करने का फैसला किया।आई बैंक सोसायटी आफ राजस्थान की प्रेरणा से परिवार को सांत्वना देने के साथ परिजनों को उनकी आंखें दान करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद परिजन आंखें दान करने के लिए तैयार हो गए। कमला देवी का नेत्रदान आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान बैंक को किया गया।जिसमे नेत्र नर्सिंग स्टाफ टेक्नीशियन रमजान ,असिस्टेंट मैनेजर तरुण यादव ने अपनी सेवाएं दी।