भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बड़ा फैसला लेते नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी यानी अब होम-ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे। बता दें कि मई 2020 से ये दरें अपरिवर्तित थीं। गौरतलब है कि एमपीसी ने ब्याज दरों में इजाफा करने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मतदान किया और इसके बाद रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने तत्काल प्रभाव से नीतिगत रेपो दरों में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करने का आदेश जारी कर दिया। दास ने बताया कि कमोडिटीज और वित्तीय बाजारों में जोखिम और बढ़ती अस्थिरता के कारण ये फैसला लिया जा रहा है।
इस बढ़ोतरी के बाद लंबे से चार फीसदी पर स्थिर रेपो दरें बढ़कर 4.40 फीसदी हो गई है। गौरतलब है कि रेपो दरों में इस इजाफे से लोन लेने वाले ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, दरें बढ़ने के बद अब होम, ऑटो और पार्सनल लोन महंगे हो जाएंगे और ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि अप्रैल महीने में महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्वानुमान से काफी ऊपर निकल चुकी है। यहां बता दें कि आरबीआई के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने के फैसले का त्वरित असर शेयर बाजारों पर देखने को मिला है और पहले से गिरावट के साथ कारोबार कर रहा स्टॉक मार्केट भर भराकर गिर गया है। बीएसई का सेंसेक्स 1000 अंक टूटकर और 56 हजार के नीचे पहुंच गया। फिलहाल, सेंसेक्स 1070 अंक फिसलकर 55,864 के स्तर पर आ गया है।आरबीआई की ये बैठक पूर्व निर्धारित नहीं थी बल्कि अचानक की गई और इसमें लिया गया फैसला आम आदमी के लिए जोरदार झटका है। यहां बता दें कि बीती आठ अप्रैल को हुई एमपीसी की बैठक में रेपो दरों को लगातार 11वीं बार यथावत रखा गया था। लेकिन इसमें बढ़ोतरी के संकेत आरबीआई गवर्नर ने उसी समय दे दिए थी। बैठक के बाद बताया गया था कि समिति के सदस्यों ने बढ़ती महंगाई और इस नियंत्रित करने के उपायों पर गहन चर्चा की गई है।इसके अलावा बीते दिनों रिसर्च फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में भी ये अनुमान जताया गया था कि बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो दरों में इजाफा करने का बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन रिपोर्ट में जून में होने वाली एमपीसी बैठक में इस बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन आरबीआई ने बुधवार को आनन-फानन में बैठक बुलाकर रेपो दरों और सीआरआर में बढ़ोतरी कर सबको चौंका दिया।