बीकानेर। चायनीज मांझे के इस्तेमाल पर जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद चायनीज मांझे से चोटिल होकर पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में पहुंचने वालों संख्या मानो प्रशासन के दावों की पोल खोल रहीं है। शनिवार को मंगलम विहार में रहने वाले दस वर्षीय राजू पुत्र रेवंतराम की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया चायनीज मांझे से उसके गर्दन में गहरा घाव है गया। डॉक्टरों को उसके गर्दन के 12 टांके लगाने पड़े। पीबीएम के ट्रोमा सेंटर और जिला हॉस्पिटल में रविवार दोपहर तक 90 से ज्यादा मरीज चाइनीज मांझे से चोटिल होकर पहुंचे। नत्थूसर गेट निवासी 6 वर्षीय कोयल पुत्री राजा छत से गिरकर घायल हो गई। गंगाशहर निवासी यश पुत्र सत्यप्रकाश, सात वर्षीय करण पुत्र बजरंग, 23 वर्षीय अंबेडकर कालोनी निवासी दिलीप की गर्दन चाइनीज मांझे से जख्मी हो गई। हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस के पास शनिवार को कई लोगों की शिकायतें पहुंची, लेकिन पुलिस प्रशासन ने सिवाय खानापूर्ति कुछ नहीं किया। चाइनीज मांझे से जख्मी होने वाले मरीजों को उपचार देने के लिए ट्रोमा सेंटर में शनिवार को निश्चेतन और ईएनटी के डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। घायलों की असहाय सेवा समिति के राजकुमार खड़गावत, ताहिर हुसैन तथा उनकी टीम ने मदद की। असहाय सेवा समिति के राजकुमार खडगावत ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में चायनीज मांझे से घायल लोगों को देखकर कहा जा सकता है कि चाइनीज मांझा बाजारों में खुलेआम बिक रहा हैं। आमजन के साथ पशु-पक्षियों के लिए खतरनाक इस मांझे को बेचने वाले के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्ती नहीं किए जाने के कारण बैखोफ होकर मांझे को बेच रहे हैं।हर साल इसकी वजह से अनेकों लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी घायल हो रहे हैं। जिला प्रशासन को चाहिए कि बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।