बीकानेर में होली की कई परम्पाएं ऐसी है जिनका निर्वाह भीतरी परकोटे में किया जाता है। शहर में होली का आगाज शाकद्वीपीय समाज नागणेचेजी माता के पूजन के साथ करेंगे।इसके बाद होलाष्टक से पूरे सप्ताह तक शहर पूरी तरह से होली की मस्ती से सरोबार रहेगा। इसी दौरान कई कार्यक्रम में होंगे। परम्परागत शुरुआत विभिन्न मोहल्लों में थम्ब पूजन के साथ होगी। इसका श्रीगणेश शुक्रवार को मरुनायक चौक से हो गया। जहां पर मरुनायक मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में परम्परा और वार के अनुसार 24 फरवरी को कर दिया गया।
ट्रस्ट से जुड़े घनश्याम लखानी ने थम्ब पूजन के महत्व और परम्परा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप से अपने भक्त पहलाद को बचाने के लिए थंभ प्रकट हुए थे इसी मान्यता के तहत होलाष्टक से पहले बीकानेर में थंभ पूजा की जाती है। मान्यता है कि थंभ पूजन के बाद यह कामना की जाती है कि होली का त्योहार सुख शांति से मनाया जाए और सभी लोग समृद्ध रहे।