बीकानेर । सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में हिरोशिमा दिवस के अवसर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई। प्राचार्य डाॅ. जी. पी. सिंह ने बताया कि डूंगर काॅलेज के प्राणीशास्त्र विभाग एवं इण्डियन सोसायटी फोर रेडिएशन बायोलोजी के तत्वावधान में हिरोशिमा दिवस पर विकिरण के दुष्प्रभाव विषयक यह संगोष्ठी आयोजित की गयी। डाॅ. सिंह ने अपने उद्बोधन में अपील की कि विकिरण के दुष्प्रभाव हेतु मानव जाति स्वयं जिम्मेदार है हमें विकिरण संसाधनों को सदुपयोग करना होगा।
मुख्य अतिथि देवेन्द्र बिश्नोई ने अपने उद्बोधन में विकिरणों द्वारा उत्पन्न अत्यधिक तापमान से बचने के उपायों पर गहन अध्ययन की आवश्यकता जताई। बिश्नोई ने कहा कि निरंतर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से विकिरणों से बचाव किया जा सकता है। उन्होनें कोरोना काल में सीटी स्कोर के महत्व पर ध्यानाकर्षण करते हुए सभी से अपील की कि मानव सभ्यता को बचाये रखने हेतु विकिरण का सदुपयोग करना आवष्यक है। बिश्नोई ने मोबाईल फोन के अत्यधिक उपयोग को घातक बताते हुए गहरी चिन्ता प्रकट की।
विशिष्टअतिथि डाॅ. शंकर जाखड़ ने कहा कि अनावश्यक रूप से विकिरणों से शरीर को उपचारित नहीं करना चाहिये। केन्सर के इलाज हेतु कीमोथेरेपी की महत्ता बताते हुए उन्होने कहा कि यदि उचित मात्रा में विकिरण डोज दी जावे तो उसका उतना नकारातात्मक प्रभाव नहीं होता है। सहायक निदेषक डाॅ. राकेश हर्ष ने औषधीय पादपों द्वारा केन्सर से बचाव विषयक व्याख्यान प्रस्तुत किया।
आयोजन सचिव डाॅ. अर्चना पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के पुलिस अधीक्षक श्री देवेन्द्र बिश्नोई एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ केन्सर रोग विषेषज्ञ डाॅ. शंकर लाल जाखड़ रहे। डाॅ. अर्चना ने बताया कि शनिवार को आयोजित संगोष्ठी में कुल आठ अतिथि व्याख्यान हुए जिसमें पीबीएम अस्पताल महिला रोग विषेषज्ञ डाॅ. सुदेश अग्रवाल, आचार्य तुलसी केन्सर अस्पताल के डाॅ. अदियामन, डूंगर काॅलेज की डाॅ. अनिला पुरेाहित, डाॅ. अरूणा चक्रवर्ती, डाॅ. मनीषा अग्रवाल, डाॅ. नरेन्द्र भोजक, डाॅ. अनामि भार्गव एवं राजूवास के डाॅ. प्रवीण बिश्नोई ने विकिरणों के दुष्प्रभाव एवं उनसे बचाव विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये।
प्राणीषास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं विकिरण सोसायटी के सचिव डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि सोसायटी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकिरण जागरूकता अभियान चलाती है। डाॅ. पुरोहित ने जर्दा, गुटखा, बीड़ी सिगरेट के अत्यधिक सेवन से केन्सर रोग फैलने पर विस्तृत चर्चा की। डाॅ. पुरोहित ने कहा कि विकिरण एक और अभिशाप है तो दूसरी ओर वरदान भी है। इसका सदुपयोग किया जाना चाहिये।
डाॅ. आनन्द खत्री ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में डाॅ. इन्द्र सिंह राजपुरेाहित, डाॅ. नरेन्द्र नाथ, डाॅ. दीप्ति श्रीवास्तव, डाॅ. इन्द्रा बिश्नोई सहित प्राणीशास्त्र विभाग के संकाय सदस्य एवं विभिन्न महाविद्यालयों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।