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बीकानेर: डेढ़ साल की मासूम हैजल की मौत: लापरवाही और सच्चाई छुपाने के आरोप में तीन डॉक्टरों पर मामला दर्ज

बीकानेर: डेढ़ साल की मासूम हैजल की मौत: लापरवाही और सच्चाई छुपाने के आरोप में तीन डॉक्टरों पर मामला दर्ज

बीकानेर। शहर में एक मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत ने चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डेढ़ साल की हैजल खत्री की मौत के मामले में बीकानेर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गोंबर सहित जयपुर के दो डॉक्टरो डॉ. अंकित मंगला और डॉ. प्रियंका मित्तल पर इलाज में लापरवाही और जांच समिति के समक्ष गलत जानकारी देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।रानी बाजार निवासी जगदीशचंद्र खत्री ने बीकानेर सदर थाना में तीनों डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही और अनावश्यक रेफरल के चलते मासूम की जान चली गई।हैजल का जन्म 13 सितंबर 2022 को पीबीएम हॉस्पिटल में हुआ था। जन्म के बाद वह पूर्णतः स्वस्थ थी और मां-बेटी को तीन दिन में छुट्टी दे दी गई थी। गर्भावस्था के दौरान सोनोग्राफी में एक किडनी का अदृश्य होना सामने आया था, लेकिन डॉक्टरों ने इसे सामान्य माना था। डेढ़ साल तक बच्ची सामान्य रही।

सितंबर 2024 में जब बच्ची को दोबारा बुखार आया, तो परिजन उसे डॉ. गौरव गोंबर के पास ले गए। डॉ. गोंबर ने बच्ची को जयपुर से आए डॉ. अंकित मंगला से दिखाने को कहा और बाद में जयपुर रेफर कर दिया, जहां डॉ. प्रियंका मित्तल के साथ जांच की गई। परिजनों का आरोप है कि इलाज में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे बच्ची की मौत हो गई।शिकायत में यह भी कहा गया है कि डॉ. गोंबर ने आर्थिक लाभ के लिए बच्ची को ऐसे डॉक्टरों के पास भेजा, जिनकी विशेषज्ञता इस मामले से मेल नहीं खाती थी। इसके अलावा, जांच कमेटी के सामने उन्होंने झूठी रिपोर्ट पेश कर सच्चाई को दबाया।पुलिस ने शिकायत के आधार पर डॉ. गोंबर, डॉ. मंगला और डॉ. मित्तल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बच्ची के पिता ने दोषियों को सख्त सजा देने और न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

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