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बीकानेर: अलग-अलग समुदाय के युवक-युवती की शादी का मामला: धर्म परिवर्तन या प्रमाण-पत्र के बिना एक ही दिन में कैसे बना मैरिज सर्टिफिकेट?

बीकानेर: अलग-अलग समुदाय के युवक-युवती की शादी का मामला: धर्म परिवर्तन या प्रमाण-पत्र के बिना एक ही दिन में कैसे बना मैरिज सर्टिफिकेट?

बीकानेर। नगर निगम द्वारा दो अलग समुदायों के युवक-युवती का मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने के मामले ने विवाद खड़ा कर दिया है। युवती के परिजनों ने इस प्रमाण-पत्र को गलत बताते हुए नगर निगम और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।युवती 10 दिसंबर को अपने घर से लापता हो गई थी, जिसकी शिकायत गंगाशहर पुलिस थाने में की गई। गुरुवार को युवती एक युवक के साथ थाने में पेश हुई और खुद को शादीशुदा बताया। दोनों ने नगर निगम द्वारा 9 दिसंबर को जारी किया गया मैरिज सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत किया।परिजनों ने आरोप लगाया कि न तो धर्म परिवर्तन का प्रमाण-पत्र पेश किया गया, न ही शादी का कोई अन्य प्रमाण दिया गया, फिर भी नगर निगम ने एक ही दिन में मैरिज सर्टिफिकेट जारी कर दिया।मामले को लेकर हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने निगम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। हिंदू जागरण मंच के संयोजक कैलाश भार्गव ने बताया कि युवक -युवती अलग अलग समुदाय से हैं इसके बावजूद निगम के कर्मचारियों ने एक ही दिन में बिना किसी जांच के मैरिज सर्टिफिकेट जारी कर दिया जो कि दो समाजों में वैमनस्यता पैदा कर सकता है। निगम उपायुक्त को इस मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा है । इस मामले में दोषी कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।र शिकायत के बाद नगर निगम ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। विवाह पंजीयन प्रकोष्ठ की प्रभारी चंचल चावरिया को भी जांच के चलते हटा दिया गया है। परिजनों ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

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